कक्षा 1 हिंदी व्याकरण अध्याय 5 वचन
एनसीईआरटी समाधान कक्षा 1 हिंदी व्याकरण अध्याय 5 वचन – एक वचन और बहुवचन तथा इसके प्रकार के बारे में शैक्षणिक सत्र 2024-25 के लिए यहाँ दिए गए हैं। कक्षा 1 के लिए हिंदी व्याकरण सीबीएसई तथा राजकीय दोनों बोर्ड के लिए बहुत मददगर है। पहली कक्षा के हिंदी ग्रामर पाठ 5 में एक वचन और बहुवचन के उदाहरणों के साथ साथ एकवचन से बहुवचन या बहुवचन से एकवचन बनाना भी बताया गया है।
NCERT Solutions for Class 1 Hindi Grammar Chapter 5 Number – Singular and Plural and its Types are given here for the academic session 2024-25. Hindi Grammar for Class 1 is very helpful for both CBSE and State Boards. Class 1 Hindi Grammar Chapter 5 explains the formation of singular and plural along with examples of singular to plural or plural to singular.
वचन किसे कहते हैं
वचन के भेद – Types of Singular and Plural in Hindi
एकवचन किसे कहते हैं?
संज्ञा के जिस रूप से एक व्यक्ति या एक वस्तु होने का ज्ञान हो, उसे एकवचन कहते है।
दूसरे शब्दों में – जिस शब्द के कारण हमें किसी व्यक्ति, वस्तु, प्राणी, पदार्थ आदि के एक होने का पता चलता है उसे एकवचन कहते हैं।
जैसे – लड़का, लडकी, गाय, बन्दर, मोर, बेटी, घोडा, नदी,
कमरा, घड़ी, घर, पर्वत, मैं, वह, यह, रुपया, अध्यापक, केला, चिड़िया,
संतरा, गमला, तोता, चूहा आदि।
बहुवचन किसे कहते हैं?
शब्द के जिस रूप से एक से अधिक व्यक्ति या वस्तु होने का ज्ञान हो, उसे बहुवचन कहते है।
दूसरे शब्दों में – जिस विकारी शब्द या संज्ञा के कारण
हमें किसी व्यक्ति, वस्तु, प्राणी, पदार्थ आदि के एक से अधिक या उनके अनेक
होने का पता चलता है उसे बहुवचन कहते हैं।
जैसे – लडके, गायें, कपड़े, टोपियाँ, मालाएँ, स्त्रियाँ,
बेटे, बेटियाँ, केले, गमले, चूहे, तोते, घोड़े, हम, वे, ये, लताएँ,
गाड़ियाँ, रुपए आदि।
एक वचन और बहु वचन के कुछ नियम (Vachan Rules)
1. आदरणीय या सम्मानीय व्यक्तियों के लिए बहु वचन का ही प्रयोग होता है।
जैसे –
(i) गांधीजी चंपारन आये थे।
(ii) शास्त्रीजी बहुत ही सरल स्वभाव के थे।
(iii) गुरूजी आज नहीं आये।
2. संबंध दर्शाने के लिए प्रयोग किए जाने वाले शब्दों को एकवचन और बहुवचन में समान रूप से प्रयोग किया जाता है।
जैसे – नाना, मामी, ताई, ताऊ, नानी, मामा, चाचा, चाची, दादा, दादी आदि।
3. द्रव्य की सुचना देने वाली द्र्व्यसूचक संज्ञाओं का प्रयोग केवल एकवचन में ही होता है।
जैसे – तेल, घी, पानी, दूध, दही, लस्सी, रायता आदि।
किन्तु, यदि द्रव्य के भित्र-भित्र प्रकारों का बोध हों, तो द्रव्यवाचक संज्ञा बहुवचन में प्रयुक्त होगी।
जैसे – यहाँ बहुत तरह के लोहे मिलते है। चमेली, गुलाब, तिल इत्यादि के तेल अच्छे होते है।
4. वचन के कुछ शब्दों का प्रयोग हमेशा ही बहुवचन में किया जाता है।
जैसे – दाम, दर्शन, प्राण, आँसू, लोग, अक्षत, होश, समाचार, हस्ताक्षर, दर्शक, अश्रु, आशिर्वाद आदि।
उदहारण –
(i) आपके हस्ताक्षर बहुत ही अलग हैं।
(ii) लोग कहते रहते हैं।
(iii) आपके दर्शन मिलना मुस्किल हैं।
(iv) तुम्हारे दाम ज्यादा हैं।
(v) आज के समाचार क्या हैं?
5. वचन में पुल्लिंग के ईकारांत, उकारांत और ऊकारांत शब्दों का प्रयोग दोनों वचनों में समान रूप से किया जाता है।
जैसे –
एक मुनि – दस मुनि,
एक डाकू – दस डाकू,
एक आदमी – दस आदमी आदि।
6. कभी कभी कुछ लोग बडप्पन दिखाने के लिए वह और मैं की जगह पर वे और हम का प्रयोग करते हैं।
जैसे –
(i) मालिक ने नौकर से कहा कि हम मीटिंग में जा रहे हैं।
(ii) जब गुरूजी घर आये तो वे बहुत खुश थे।
(iii) हमे याद नहीं हमने ऐसा कहा था।
7. कभी-कभी अच्छा व्यवहार करने के लिए तुम की जगह पर आप का प्रयोग किया जाता है।
जैसे – आप कहाँ पर गये थे?
8. दोनों वचनों में जातिवाचक संज्ञा का प्रयोग किया जाता है।
जैसे –
(i) कुत्ता भौंक रहा है।
(ii) कुत्ते भौंक रहे हैं।
(iii) शेर जंगल का राजा है।
(iv) बैल के चार पाँव होते हैं।
9. धातुओं की जाति बताने वाली संज्ञाओं का प्रयोग एकवचन में ही होता है।
जैसे –
सोना, चाँदी, धन आदि।
उदहारण –
(i) सोना बहुत महँगा है।
(ii) चाँदी सस्ती है।
(iii) उसके पास बहुत धन है।
10. गुण वाचक और भाववाचक दोनों संज्ञाओं का प्रयोग एकवचन और बहुवचन दोनों में ही किया जाता है।
जैसे –
(i) मैं उनके धोके से ग्रस्त हूँ।
(ii) इन दवाईयों की अनेक खूबियाँ हैं।
(iii) डॉ राजेन्द्र प्रसाद की सज्जनता पर सभी मोहित थे।
11. सिर्फ एकवचन में हर, प्रत्येक और हर-एक का प्रयोग होता है।
जैसे –
(i) हर-एक कुएँ का पानी मीठा नहीं होता।
(ii) प्रत्येक व्यक्ति यही कहेगा।
(iii) हर इन्सान इस सच को जानता है।
12. समूहवाचक संज्ञा का प्रयोग केवल एकवचन में ही किया जाता है।
जैसे –
(i) इस देश की बहुसंख्यक जनता अनपढ़ है।
(ii) लंगूरों की एक टोली ने बहुत उत्पात मचा रखा है।
13. ज्यादा समूहों का बोध करने के लिए समूहवाचक संज्ञा का प्रयोग बहुवचन में किया जाता है।
जैसे –
(i) विद्यार्थियों की बहुत सी टोलियाँ गई हैं।
(ii) अकबर की सदी में अनेक देशों की प्रजा पर अनेक अत्याचार होते थे।
14. एक से ज्यादा अवयवों का प्रयोग बहुवचन में होता है लेकिन एकवचन में उनके आगे एक लगा दिया जाता है।
जैसे – आँख, कान, ऊँगली, पैर, दांत, अंगूठा आदि।
उदहारण –
(i) राधा के दांत चमक रहे थे।
(ii) मेरे बाल सफेद हो चुके हैं।
(iii) मेरा एक दांत टूट गया।
(iv) मेरी एक आँख में खराबी है।
15. करणकारक के शब्द जैसे – जाडा, गर्मी, भूख, प्यास आदि को बहुवचन में ही प्रयोग किया जाता है।
जैसे –
(i) बेचारा बन्दर जाड़े से ठिठुर रहा है।
(ii) भिखारी भूखे मर रहे हैं।
16. कभी-कभी कुछ एकवचन संज्ञा शब्दों के साथ गुण, लोग, जन, समूह, वृन्द, दल, गण, जाति शब्दों को बहुवचन में प्रयोग किया जाता है।
जैसे –
(i) छात्रगण बहुत व्यस्त होते हैं।
(ii) मजदूर लोग काम कर रहे हैं।
(iii) स्त्रीजाति बहुत संघर्ष कर रही है।
2. जब अकारांत के स्त्रीलिंग शब्दों में अ की जगह पर ऐं लगा दिया जाता है।
उदाहरण –
(i) कलम = कलमें
(ii) बात = बातें
(iii) रात = रातें
(iv) आँख = आँखें
(v) पुस्तक = पुस्तकें
3. जब आकारान्त के स्त्रीलिंग शब्दों में आ की जगह पर ऍ कर दिया जाता है।
उदाहरण –
(i) कविता = कविताएँ
(ii) लता = लताएँ
(iii) अध्यापिका = अध्यापिकाएँ
(iv) कन्या = कन्याएँ
(v) माता = माताएँ
4. जब स्त्रीलिंग के शब्दों में या की जगह पर याँ लगा दिया जाता है।
उदाहरण –
(i) बिंदिया = बिंदियाँ
(ii) चिड़िया = चिड़ियाँ
(iii) डिबिया = डिबियाँ
(iv) गुडिया = गुड़ियाँ
(v) चुहिया = चुहियाँ
5. जब इकारांत और ईकारांत के स्त्रीलिंग शब्दों याँ लगाकर ई को इ कर दिया जाता है।
उदाहरण –
(i) नीति = नीतियाँ
(ii) नारी = नारियाँ
(iii) गति = गतियाँ
(iv) थाली = थालियाँ
(v) रीति = रीतियाँ
6. जब उ, ऊ, आ, अ, इ, ई और औ की जगह पर ऍ कर दिया जाता है और ऊ को उ में बदल दिया जाता है।
उदाहरण –
(i) वस्तु = वस्तुएँ
(ii) गौ = गौएँ
(iii) बहु = बहुएँ
(iv) वधू = वधुएँ
7. जब दल, वृंद, वर्ग, जन लोग, गण आदि शब्दों को जोड़ा जाता है।
उदाहरण –
(i) साधु = साधुलोग
(ii) बालक = बालकगण
(iii) अध्यापक = अध्यापकवृंद
(iv) मित्र = मित्रवर्ग
(v) विद्यार्थी = विद्यार्थीगण
8. जब एकवचन और बहुवचन दोनों में शब्द एक समान होते हैं।
उदाहरण –
(i) राजा = राजा
(ii) नेता = नेता
(iii) पिता = पिता
(iv) चाचा = चाचा
(v) क्षमा = क्षमा
(vi) प्रेम = प्रेम
9. जब शब्दों को दो बार प्रयोग किया जाता है।
उदाहरण –
(i) भाई = भाई-भाई
(ii) बहन = बहन-बहन
(iii) गाँव = गाँव-गाँव
(iv) घर = घर-घर
(v) शहर = शहर-शहर
विभक्तिसहित संज्ञाओं के बहुवचन बनाने के नियम
विभक्तियों से युक्त होने पर शब्दों के बहुवचन का रूप बनाने में लिंग के कारण कोई परिवर्तन नहीं होता।
इसके कुछ सामान्य नियम निम्नलिखित है –
(1) अकारान्त, आकारान्त (संस्कृत-शब्दों को छोड़कर) तथा एकारान्त संज्ञाओं में अन्तिम ‘अ’, ‘आ’ या ‘ए’ के स्थान पर बहुवचन बनाने में ‘ओं’ कर दिया जाता है।
जैसे-
लडका – लडकों
घर – घरों
गधा – गधों
घोड़ा – घोड़ों
चोर – चोरों
(2) संस्कृत की आकारान्त तथा संस्कृत-हिन्दी की सभी उकारान्त, ऊकारान्त, अकारान्त, औकारान्त संज्ञाओं को बहुवचन का रूप देने के लिए अन्त में ‘ओं’ जोड़ना पड़ता है। उकारान्त शब्दों में ‘ओं’ जोड़ने के पूर्व ‘ऊ’ को ‘उ’ कर दिया जाता है।
जैसे –
लता – लताओं
साधु – साधुओं
वधू – वधुओं
घर – घरों
(3) सभी इकारान्त और ईकारान्त संज्ञाओं का बहुवचन बनाने के लिए अन्त में ‘यों’ जोड़ा जाता है। ‘इकारान्त’ शब्दों में ‘यों’ जोड़ने के पहले ‘ई’ का इ’ कर दिया जाता है।
जैसे-
मुनि – मुनियों
गली – गलियों
नदी – नदियों
साड़ी – साड़ियों
श्रीमती – श्रीमतियों
विभक्ति रहित संज्ञाओं के बहुवचन बनाने के नियम
1. पुल्लिंग संज्ञा के आकारान्त को एकारान्त कर बहुवचन बनाया जाता है।
जैसे –
घोड़ा – घोड़े
गधा – गधे
लड़का – लड़के
अपवाद- मामा, नाना, बाबा, पिता, योद्धा, आत्मा, देवता, जामाता आदि। इन शब्दों के रूप दोनों वचनों में समान होते हैं।
2. पुल्लिग आकारान्त शब्दों के अतिरिक्त अन्य मात्राओं से अन्त होने वाले शब्दों के रूप दोनों वचनों में एक समान रहते हैं।
जैसे –
एक बालक – चार बालक
एक डाकू – चार डाकू
एक भाई – चार भाई
3. आकारान्त स्त्रीलिंग शब्दों के अन्त में ‘एँ’ जोड़ने से बहुवचन बनता है।
जैसे-
शाखा – शाखाएँ
लता – लताएँ
माता – माताएँ
महिला – महिलाएँ
4. अकारान्त स्त्रीलिंग संज्ञा के बहुवचन शब्द में आगत अंतिम अ को ये कर देने से बनता है।
जैसे –
गायें – गाय
बात – बातें
आँख – आँखें
याद – यादें
5. दीर्घ या ह्रस्व इकारान्त संज्ञाओं को ह्रस्व इकारान्त कर उनके अन्त में याँ जोड़ देने से
बहुवचन बनता है।
जैसे-
नारी – नारियाँ
पहेली – पहेलियाँ
लड़की – लड़कियाँ
सहेली – सहेलियाँ
6. जिन स्त्रीलिंग शब्दों के अन्त में ‘या’आता है, ‘या’पर चन्द्रबिन्दु लगाकर बहुवचन बनाया जाता है।
जैसे –
बुढ़िया – बुढ़ियाँ
चिड़िया – चिड़ियाँ
गुड़िया – गुड़ियाँ
डिबिया – डिबियाँ
7. ह्रस्व या दीर्घ ऊकारान्त स्त्रीलिंग संज्ञाओं को ह्रस्व उकारान्त बनाकर अन्त में ‘एँ’ लगाने से बहुवचन का निर्माण होता है।
जैसे –
धेनु – धेनुएँ
वस्तु – वस्तुएँ
बहू – बहुएँ
ऋतु – ऋतुएँ
8. कुछ शब्द समष्टि मूलक होते हैं। जैसे- गण, कुल, वृन्द, समूह, वर्ग, लोग, जन, मण्डल दल, ग्राम, मण्डली आदि। ये शब्द विशेषतः वहाँ जोड़े जाते हैं, जहाँ दोनों वचनों में पुल्लिंग अथवा स्त्रीलिंग में एक ही रूप होते हैं।
जैसे –पाठक – पाठकगण
आप – आप लोग
तुम – तुम लोग
छात्र – छात्रगण
वचन
संज्ञा के जिस रूप में उसकी संख्या का बोध हो, वह वचन कहलाता है। नीचे दी गई तालिका से एकवचन और बहुवचन का अंतर आसानी से समझ में आ जाएगा।
एकवचन | बहुवचन |
---|---|
घोड़ा | घोड़े |
दवात | दवातें |
चिड़िया | चिड़ियाँ |
पेन्सिल | पेंसिलें |
लड़का | लड़के |
बालिका | बालिकाएं |
वचन परिवर्तन
कुछ शब्दों के एकवचन और बहुवचन के रूप नीचे दिए गए हैं:
एकवचन | बहुवचन |
---|---|
बेटा | बेटे |
लड़का | लड़के |
कौआ | कौए |
माला | मालाएं |
बच्चा | बच्चे |
गाय | गायें |
लोटा | लोटे |
चिड़िया | चिड़ियाँ |
एकवचन | बहुवचन |
---|---|
घोड़ा | घोड़े |
तोता | तोते |
सड़क | सड़कें |
मेज | मेजें |
केला | केले |
नहर | नहरें |
वस्तु | वस्तुएं |
कुत्ता | कुत्ते |